किसी के आंगन का वो आम का पेड़
यूं ही आकर्षित कर लेता था
कभी बच्चों की टोली को
तो कभी वानरों की टुकड़ी को
कई पंछियों का आशियाना था वो आम का पेड़
मेरे घर से कुछ ही दूरी पर , एक गली दाएं, फिर बाएं , फिर से दाएं
अच्छे से याद है मुझे वो आम का पेड़
जैसे निदाध के मौसम में बुला लेता हो हमें
आवाज़ देकर, पुकार कर , हम सबमें से हरेक का नाम
जैसे जानता ही हो हमारे मन की
कच्चे – पके आमो को देख कर कोई रुके भी तो कैसे?
बच्चे तो बच्चे , बड़े और बूढ़े भी पलट कर एक नज़र ज़रूर देखते होंगे
उन के बचपन की यादों का एक बड़ा हिस्सा , कोई खूबसूरत किस्सा ज़रूर जुड़ा होगा
उस आम के पेड़ से
हरी हरी पत्तियों में लुका – छुपी खेलती वो हरी – हरी अंबिया , सोचा और मूहं में पानी भर आया
कुछ पक रहे और पक चुके आमों की खूसूरती में मशगूल हमे उसकी किस्म का आज तक नहीं पता।
आम तो आखिर आम ही होता है
ऐसे ही ये फलों का राजा थोडे ही है
राष्ट्रीय फल का ताज पहने हवा के झुले से इधर- उधर इत्रा के झूलता, जैसे चिडा रहा हो हमें, उकसा रहा हो हमें
पिछली बार की डांट याद तो अच्छे से है, घर पर पहुंची शिकायतों की तो किताब तक छप सकती है पर आम को पेड़ से तोड़ कर अपने अत रंगों के साथ खाने का अपना ही मजा है
एक आम तोड़ कर ऐसा प्रतीत होता मानो युद्ध जीत लिया हो
सब यार आपको वीर योद्धा मान लेते,आपका सम्मान बढ़ जाता
वो सम्मान कौन नहीं चाहेगा ?
और ऊपर से आम खाने का मौका
जैसे कि वो कहावत है ना ” आम के आम गुठलियों के दाम “
चलिए अा गए हैं मेरे दोस्त , किसी से कहिएगा नहीं, मैं अभी आया, रुक नहीं सकता अब।वो आम का पेड़ बुला रहा है, बाट जोह रहा है हमारी
मैं अभी आया ।।
Rachana Sekhri
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12 Comments
Eesha · August 12, 2020 at 20:48
Amazing write up. We all love mangoes and wait for the summers but this poem will always remind me of them.
👍😍❤👌🍋
वंदना सूद · August 10, 2020 at 19:55
Very nice bachpan yaad aa gya aap ki kavita padh kar bless u always keep it up 😊💥✨💞💞
Rachana Sekhri · August 11, 2020 at 10:47
Thanks my dearest ❤️❤️😘
Lalit Rana · August 12, 2020 at 20:57
फलों के राजा के बारे मै बहुत अच्छा लिखा आपने ।।
Mohit · August 10, 2020 at 19:44
Beautiful poem
Rachana · August 11, 2020 at 10:46
Thanks Mohit 😊
Sunil Dutta Biswal · August 10, 2020 at 19:33
Amazing rendition…love it. Duperb
Rachana · August 10, 2020 at 19:36
Thanks Sumit 😇
Ali Mohammed Memon · August 8, 2020 at 20:01
बहुत ही अच्छी रचना,
रचना के द्वारा
Rachana Sekhri · August 10, 2020 at 19:24
Thanks Ali
Hari Prasad S · August 8, 2020 at 19:44
बचपन की याद दिलाती है आपकी ये रचना । बहुत की सुन्दर लिखा है आपने रचना जी।
Rachana · August 10, 2020 at 19:23
Thank you 😊