चलो आज वो हिसाब करते है।
कुछ भुला देते है, कुछ याद रखते है।
अच्छा हो या बुरा अब नजरअंदाज करते हे।
कुछ जाने देते है,कुछ समेट लेते है।
चलो आज वो हिसाब करते है।।
अपनो की परवाह गेरौ के लिये अरदास करते है।
थोडा बचपना अब थोडे संभल जाते है।
हसते हसाते जिदंगी के कुछ पन्ने मोड देते है।
चलो आज कुछ नायाब करते है |
चलो आज वो हिसाब करते है।।
अपनो से शिकायत गेरौ से अरदास करते है।
अच्छा हो या बुरा अब जिम्मेदार बनते है।
अपनो से प्यार अब अपनो की परवाह करते है।
कुछ पहेलीया सुलझा देते है, तोह कुछ नये ख्वाब बुनते है।
चलो आज वो हिसाब करते है।।
खुबसुरत है जिदंगी अब खुल के जी लेते है।
बेरंग बनी दुनिया मे कुछ रंग भरते है।
कुछ खट्टी कुछ मिठी खुशिया बांट लेते है।
रुकी हुयी सी जिदंगी अब फिरसे शुरु करते है।
चलो अब फिरसे नये ख्वाब बुनते है।।
चलो आज वो हिसाब करते है
Vedha bhoir
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504 Comments
Rahul · October 12, 2020 at 00:00
Nice
Tejas · October 11, 2020 at 23:59
bhahut acchha likha he
Sandip · October 11, 2020 at 23:59
Good
Singh · October 11, 2020 at 23:58
good keep it up
Ranjit · October 11, 2020 at 23:58
Good
Pawar · October 11, 2020 at 23:57
Sweet
Falguni · October 11, 2020 at 23:56
nice good