चलो आज वो हिसाब करते है।
कुछ भुला देते है, कुछ याद रखते है।
अच्छा हो या बुरा अब नजरअंदाज करते हे।
कुछ जाने देते है,कुछ समेट लेते है।
चलो आज वो हिसाब करते है।।
अपनो की परवाह गेरौ के लिये अरदास करते है।
थोडा बचपना अब थोडे संभल जाते है।
हसते हसाते जिदंगी के कुछ पन्ने मोड देते है।
चलो आज कुछ नायाब करते है |
चलो आज वो हिसाब करते है।।
अपनो से शिकायत गेरौ से अरदास करते है।
अच्छा हो या बुरा अब जिम्मेदार बनते है।
अपनो से प्यार अब अपनो की परवाह करते है।
कुछ पहेलीया सुलझा देते है, तोह कुछ नये ख्वाब बुनते है।
चलो आज वो हिसाब करते है।।
खुबसुरत है जिदंगी अब खुल के जी लेते है।
बेरंग बनी दुनिया मे कुछ रंग भरते है।
कुछ खट्टी कुछ मिठी खुशिया बांट लेते है।
रुकी हुयी सी जिदंगी अब फिरसे शुरु करते है।
चलो अब फिरसे नये ख्वाब बुनते है।।
चलो आज वो हिसाब करते है
Vedha bhoir
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504 Comments
Nitesh · October 11, 2020 at 23:28
Good going sisso keep it up
Satish · October 11, 2020 at 23:25
Poem 🙏🙏🙏
Shilpa · October 11, 2020 at 23:23
Mst g 😊
Kamal · October 11, 2020 at 23:21
Lines ♥️
Veer · October 11, 2020 at 23:21
Wowwwwww
Sunil · October 11, 2020 at 23:21
Good one
Bharati · October 11, 2020 at 23:22
It’s awesome dear 😍
Saumil · October 11, 2020 at 23:19
Good keep it up
Ratna · October 11, 2020 at 23:17
Mast g
Rauf · October 11, 2020 at 23:15
Super duper hit
A s nikam · October 11, 2020 at 23:12
👌👌