Eiffel Tower hum aur chai
Eiffel Tower hum aur chai

“हाय! कितना प्यारा लग रहा है ना एफिल टावर”
“हा सच में बेहद प्यारा लग रहा हैं।”
“पता है मुझे ये जगह इतनी पसंद क्यों है मेरे पा ने मेरी मां से यही पर इसी जगह अपने प्यार का इजहार किया था ।कितना हसीन लम्हा होगा ना वो जब मां ने “हा” कहा होगा पा को कितना सुकून मिला होगा जहान भर की खुशियां उनके दामन में आ गई होगी ।
“हा! काश मुझे भी मिल जाए” वो बुदबुदाया
“क्या तुमने कुछ कहा अभी?”, मैने पूछा
“तुम्हे केसा प्यार चाहिए अपनी जिंदगी में?” उसने सवाल किया।
“जैसा प्यार पा मां से करते है उनके लिए इतवार को चाय बनाते है, उनके लिए साड़ी पसंद करते है और उनकी हर खाव्हिश को बोलने से पहले ही मुकम्मल कर देते है ऐसा प्यार की तमन्ना है इस दिल में” , मेरा जवाब सुनकर उसने मेरी आंखो में देखा और
एक दम से फिर वो मेरे सामने अपने घुटनों के सहारे बैठ गया और पूछा ,”क्या तुम मेरी बनाई हुई चाय जिंदगी भर पीना पसंद करोगी?”
में आंखो में आंसू के साथ सिर्फ “हा” ही कह पाई और उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया।
एक बार फिर इतिहास दोहराया गया बहुत ही खूबसूरती से । पहले यहां मां-पा थे और आज यहां हम दो नो है।

Kiash

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