आओ बैठो गुफ्तगू करते हैं

आज बड़े दिनों बाद कुछ लिखने का मन हुआ है आओ बैठो गुफ्तगू करते हैं…. तेरी यादों को ताले में कैद करके उसकी चाबी को घुमाना चाहता हूं अपने रिश्ते को गुमनाम करके सीधा मुंह दिखाई पर शोर मचाना चाहता हूं , पता नहीं क्यों आज बड़े दिनों बाद कुछ Read more…
एक बार

Entry No. 17 : एक बार

एक बार कुछ खास तो होगा तुम में भी,कुछ अलग तो होगा तुम में भी;तुम चाहे जैसे हो,एक आप तो होगा तुम में भी। वो नजरिएं हजारों होंगे,वो तर्क हजारों होंगे,वो होंगे फैसले हजारों,वो व्यंग्य भी हजारों होंगे।पर तुम एक हो,तुन में अनेक है;ये सच क्यों नहीं पहचानते?क्यों खुद को Read more…